"शोरा सो पहचानिए, जो लड़े तीन के हेत
पुर्जा पुर्जा कट मरे तबहूँ न छड़े खेत
जो धो प्रेम खेलन का चाव
सिर धर तली गली मोरी आओ."
Tuesday, 23 February 2010
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In this time of corruption, injustice etc there is a need of revolution again!
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